ऑनलाइन प्रॉक्टरिंग तकनीक से किसे लाभ मिलता है ? शिक्षण संस्थानों और कम्पनियों के लिए दूरस्थ शिक्षा प्रणाली को विकसित करने वालों में से प्रत्येक को, साथ ही साथ सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के मानव संसाधन प्रबन्धकोंsa और कर्मचारियों को इसका लाभ मिलता
इस लेख की मुख्य विषय-वस्तु:
ऑनलाइन प्रॉक्टरिंग प्लेटफार्म की संरचना और संaचालन तथा ऑनलाइन परीक्षा के प्रमुख चरण
ऑनलाइन प्रॉक्टरिंग सिस्टम के मोड
हम विस्तार में जाने की कोशिश नहीं करेंगे अन्यथा एक मोटी पुस्तक तैयार हो जाएगी। पर हम आपके सामने ऑनलाइन एग्ज़ाम सिस्टम सॉफ्टवेयर के पूरे स्वरूप को रखने का प्रयत्न करेंगे।
ऑनलाइन प्रॉक्टरिंग सिस्टम की संरचना और संचालन , ऑनलाइन परीक्षा के प्रमुख चरण
ऑनलाइन प्रॉक्टरिंग एक्सटेंशन ब्राउज़र से काम करता है, किसी अतिरिक्त इंस्टॉलेशन की आवश्यकता नहीं होती है। इस सेवा को परीक्षण प्रणाली – एलएमएस (LMS) (लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम) में समेकित किया गया है।एग्ज़ाम अस ऑनलाइन प्रॉक्टरिंग सेवा को एसएएएस (SaaS) (सॉफ्टवेयर ऐज़ अ सर्विस) के रूप में प्रस्तुत किया जाता है जब कि बुनियादी ढांचे को क्लाउड सेवाओं में संग्रहीत रखा जाता है।. छात्रों को कम्प्यूटर में कुछ भी इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं होती। वे मात्र ब्राउज़र खोलें, निर्दिष्ट लिंक पर जाएं और सिस्टम सत्यापन तथा पहचान सत्यापन हो जाने के बाद परीक्षा देना आरम्भ कर देंsa।
महत्वपूर्ण निर्णय : विद्यार्थी कम्प्यूटर का प्रयोग करें या फोन का ? हमारा अनुभव बताता है कि मात्र डेस्कटॉप प्रारूप ही विश्वसनीय परिणाम देता है ,इसीलिए हम अपने ग्राहकों के लिए इसी के प्रयोग पर जोर देते हैं। मोबाइल का उपयोग करने वाले को मोबाइल प्रारूप सिस्टम एक्सप्लॉएट करने के अनेक अवसर देता है। हालांकि हम जानते हैं कि कुछ मामलों में कम्प्यूटर के प्रयोग का रत्ती भर भी मौका नहीं होता , जैसे दूरस्थ संयंत्र में या कारखाने में नियुक्त क्षेत्र-कार्यकर्ता के लिए । हम निम्नलिखित लेखों में से एक में सिस्टम के मोबाइल प्रारूप की सभी विशेषताओं का वर्णन करेंगे।
प्रॉक्टरिंग सिस्टम कैमरा और माइक्रोफोन को ऐक्सेस करने और उनकी कार्यविधि तथा साथ ही साथ इंटरनेट कनेक्शन की स्थिरता, दूसरे स्क्रीन की उपस्थिति , तथा स्क्रीन के सिमुलेशन या अनुकरण के सभी प्रयासों के परीक्षण की मांग करता है । यदि सिस्टम सभी परीक्षणों में सफल रहता है तो इसके बाद छात्र को पहचान प्रक्रिया पास करनी रहती है अर्थात् अपनी फोटो खींच कर पहचान दस्तावेज़ (यह ड्राइविंग लाइसेंस, छात्र का पहचान पत्र या क्रेडिटकार्ड हो सकता है) के साथ उसे भेजना रहता है ।
उसके बाद छात्र परीक्षा देना आरम्भ कर सकता है । परीक्षा के दौरान ऑनलाइन प्रॉक्टरिंग प्रणाली तीन स्रोतों से सूचना एकत्र करती हैः
· कैमरा
· माइक्रोफोन
· डेस्कटॉप
परीक्षा समाप्त हो जाने के बाद ऑनलाइन प्रॉक्टरिंग प्रणाली सभी स्रोतों से सूचना को एकत्र करके एक संयुक्त रिकॉर्ड में उनको संघटित करती है ।
ऑनलाइन एक्ज़ाम प्रॉक्टरिंग सॉफ़्टवेयर परीक्षा के दौरान कम्प्यूटिंग पर्यावरण में व्यक्ति की शारीरिक क्रियाओं और उनके कार्यों का विश्लेषण करता है। प्रणाली लचीली है, इसलिए प्रत्येक परीक्षा के नियमों को इसमें समायोजित किया जा सकता है। कुछ मामलों में छात्र कैलकुलेटर का प्रयोग कर सकता है, जबकि दूसरे मामलों में कागज और कलम की जरूरत पड़ सकती है।
परीक्षा के दौरान, सिस्टम स्वचालित रूप से निम्न प्रकार के उल्लंघनों का पता लगा लेता है:
· निगाह की दिशा का बदलना अर्थात् उपयोगकर्ता कहीं और देख रहा हो;
· चेहरे का फ्रेम में न होना अर्थात् यदि उपयोगकर्ता कैमरे की नजर में नहीं है या चेहरा ठीक से दिखाई नहीं पड़ रहा है।
· फ्रेम में अन्य चेहरों की उपस्थिति, दीवार से महान लोगों के चित्रों को हटाने की भी संस्तुति की जाती है क्योंकि उनकी पहचान परीक्षा नियमों के उल्लंघनकर्ता के रूप में आप से आप हो जाती है।
· छात्र के बदले fdlh vkSj dh mifLFkfr अर्थात् फ्रेम में वह व्यक्ति न हो जिसे परीक्षा देनी है ।
· फ्रेम में किसी भी मानवीय आवाज़ की उपस्थिति, भले ही वह छात्र की ही आवाज़ क्यों न हो (जैसे छात्र कमरे में उपस्थित किसी अन्य के लिए प्रश्न को पढ़े)।
· डेस्कटॉप पर विंडो या टैब का परिवर्तन अथात् यदि उपयोगकर्ता टेस्ट विंडो से सर्च विंडो पर जाता है या थर्ड पार्टी ऐप्लीकेशन को खोलता है।